विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को केंद्र सरकार ने बर्खास्त किया

दिल्ली हाईकोर्ट में है मामला
इस मामले को लेकर पूजा खेडकर ने भी कुछ दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पूजा खेडकर ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से सिविल सर्विसेज एग्जाम के उनके 12 अटेम्प्ट में से 7 अटेम्प्ट को नजरअंदाज करने की अपील की थी. खेडकर का दावा था कि उन्हें घुटने में दिक्कत है. लिहाजा उन्हें ‘दिव्यांग’ कैटेगरी में ही मौके मिलने चाहिए थे. उन्होंने यह भी दलील दी थी कि 47% दिव्यांगता होने के बावजूद वह जनरल कैटेगरी से एग्जाम में बैठीं. सिविल सर्विसेज एग्जाम के लिए डिसएबिलिटी का बेंचमार्क 40% है.
दिल्ली पुलिस ने लगाए ये आरोप
दिल्ली पुलिस ने 4 सितंबर को ही पूजा खेडकर (Puja Khedkar) मामले में अपनी स्टेट्स रिपोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की थी. इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं. दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि पूजा खेडकर की डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी है. इस स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि जो सर्टिफिकेट 2022 और 2023 की सिविल परीक्षा के दौरान दिया गया था, वो फर्जी है. इस सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर ने अपना नाम भी बदला है. पुलिस ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में कहा है कि इस फर्जी सर्टिफिकेट के महाराष्ट्र से बनाए जाने का दावा भी झूठा है. पुलिस की जांच में पता चला है कि वर्ष 2022 और 2024 में अहमदनगर महाराष्ट्र से दो सर्टिफिकेट जारी किए गए थे, लेकिन पुलिस ने जब मेडिकल अथॉरिटी से इन सर्टिफिकेट की जानकारी मांगी तो अथॉरिटी की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से कोई विकलांगता सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किया गया है.