भारतीय पैरा पावरलिफ्टर अशोक छठे स्थान पर रहे

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सोनीपत (हरियाणा) के रहनेवाले पैरा पावरलिफ्टर सुधीर आज सभी देशवासियों की आंखों के तारे बन गए हैं। इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने भारत को पैरा पावरलिफ्टिंग में गोल्ड दिलाया है। यह भारत का इस खेल में आज तक का पहला पदक है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि से सुधीर बेहद खुश हैं, लेकिन इस बीच अपने पिता को याद कर भावुक भी हो जाते हैं। सुधीर कहते हैं कि जिस दिन एशियाई खेलों में 2018 में उन्होंने पदक जीता, उसी दिन उनके पिता का निधन हो गया। वह दुख बहुत गहरा है। कामनवेल्थ खेलों का यह गोल्ड उन्हीं को समर्पित है।

अपने पहले प्रयास में 208 किलो की लिफ्ट और दूसरे प्रयास में 212 किलो की रिकॉर्ड लिफ्ट कर 134.5 अंकों के साथ रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करने वाले सुधीर ने ‘द बेटर इंडिया’ से बात करते हुए कहा, “मैंने टोक्यो पैरालंपिक के लिए जमकर तैयारी की थी, लेकिन कोरोना की वजह से मैं उसमें शिरकत नहीं कर सका और फिर अपने पिता को भी मैंने खो दिया था। ये दोनों ही घटनाएं मेरे लिए बड़ा सदमा थीं।”